Krishi Chaupal

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

Apr 10, 2023
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विकास तभी संभव है जब देश के हर नागरिक के आज के साथ उसका कल भी सुरक्षित हो।  इसी सोच के साथ केंद्र सरकार उन जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा के साथ भविष्य में आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है, जिनके बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया। इन जरूरतमंदों में शामिल हैं, किसान, व्यापारी और स्वरोजगार वाले वे लोग, जिन्हें एक उम्र के बाद आर्थिक अनिश्चितता घेर लेती थी। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना एवं व्यापारी और स्वरोजगार वाले व्यक्तियों के लिये राष्ट्रीय पेंशन योजना के जरिए इन्हें मिली भविष्य की मुस्कान। 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई ये दोनों योजनाएं इस वर्ष पूरा कर रही हैं अपनी सफलता का तीसरा साल…

 

किसान, व्यापारी और समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए अक्सर सरकारें योजनाएं बनाती रही हैं। ये योजनाएं उनके वर्तमान को तो संवारने का काम करती हैं, लेकिन एक उम्र के बाद जब वे मेहनत करने की स्थिति में नहीं होते, तब आर्थिक अनिश्चितता के दौर में फंस जाते हैं। यही वजह है कि किसान, व्यापारी और स्वरोजगार करने वाले इन लोगों के वर्तमान के साथ उनका भविष्य भी आर्थिक रूप से सुरक्षित हो, इस सोच की शुरूआत हुई रांची में 12 सितंबर 2019 को। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 करोड़ लघु और सीमांत किसानों का जीवन सुरक्षित करने और ऐसे किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3,000 रुपये प्रति माह पेंशन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का शुभारंभ किया। उसी दिन प्रधानमंत्री ने व्यापारियों और स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की भी शुरुआत की, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों और स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3,000 रुपये प्रति माह पेंशन उपलब्ध कराना है। लगभग 3 करोड़ छोटे व्यापारी इस योजना का लाभ लेकर लाभान्वित हो सकेंगे।

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

  • प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना स्वैच्छिक और योगदान आधारित है। 60 साल की आयु के बाद किसानों को 3,000 रुपये प्रति महीने पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए किसानों को 55 से 200 रुपये प्रति महीने का योगदान देना होगा। किसान द्वारा दी जाने वाली राशि के बराबर की धनराशि का योगदान केंद्र सरकार करेगी। योजना से जुड़ने के समय उनकी आयु के आधार पर धनराशि का निर्धारण किया गया है।
  • पति और पत्नी अलग-अलग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम को पेंशन कोष का फंड मैनेजर नियुक्त किया गया है। निगम पेंशन भुगतान के लिए जवाबदेह होगा। योगदानकर्ता की मृत्यु होने पर जीवन साथी शेष योगदान देकर योजना को जारी रख सकते हैं और पेंशन का लाभ ले सकते हैं।
  • यदि पति या पत्नी योजना को जारी नहीं रखना चाहते हैं तो ब्याज सहित कुल योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। यदि पति या पत्नी नहीं है तो नामित व्यक्ति को ब्याज सहित योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
  • यदि लाभार्थी कम से कम 5 साल तक नियमित योगदान देते हैं और इसके बाद योजना को छोड़ना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में एलआईसी बैंक की बचत खाता ब्याज दर के आधार पर ब्याज सहित धनराशि का भुगतान करेगी।

साझा सेवा केंद्रों के जरिये इस योजना का पंजीकरण किया जा सकता है। पंजीयन नि:शुल्क है। सरकार इन सेवा केंद्रों को प्रति पंजीयन 30 रुपये का भुगतान करती है। आप खुद भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और इसके लिए आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट maandhan.in पर जाना होगा।

  • शिकायत के समाधान के लिए एक शिकायत निवारण व्यवस्था भी बनाई गई है। जिसमें एलआईसी, बैंक और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। किसान पेंशन योजना के लिए आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और बैंक में खाता होना जरूरी है।

पात्रता की शर्तें

  • प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का लाभ ऐसे छोटे और सीमांत किसान ले सकते हैं जिसकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच हो।
  • जिसके पास 2 हेक्टेयर या इससे कम की कृषि योग्य जमीन हो।
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