Krishi Chaupal

स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए

स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए

Jan 19, 2025
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 18 जनवरी को पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण भारत के लिए संपत्ति कार्ड के सबसे बड़े वितरण समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें एक ही दिन में 65 लाख ग्रामीण नागरिकों को कानूनी स्वामित्व दस्तावेजों के साथ सशक्त बनाया गया। वितरण समारोह में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, पंचायती राज मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल के साथ पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने आभासी माध्यम से भाग लिया। इस कार्यक्रम में कई राज्यों के राज्यपाल, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में 237 जिलों के नागरिकों, 9 केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों की भी भारी संख्या में भागीदारी देखी गई।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस महत्वपूर्ण ई-वितरण समारोह में 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवों को शामिल किया गया, जो ग्रामीण शासन और सशक्तिकरण में एक अभूतपूर्व मील का पत्थर साबित हुआ। वितरण समारोह में छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के लाभार्थी शामिल हुए। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ स्वामित्व के तहत वितरित संपत्ति कार्डों की कुल संख्या 2.25 करोड़ हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पांच साल पहले स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनके संपत्ति कार्ड प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्य संपत्ति स्वामित्व प्रमाण पत्र को विभिन्न नाम देते हैं, जैसे घरौनी, अधिकार अभिलेख, संपत्ति कार्ड, मालमत्ता पत्रक और आवासीय भूमि पट्टा। श्री मोदी ने कहा, “पिछले 5 वर्षों में 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को स्वामित्व कार्ड जारी किए गए हैं।” आज के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 65 लाख से अधिक परिवारों को ये कार्ड मिले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत अब गांवों में लगभग 2.25 करोड़ लोगों को अपने घरों के लिए कानूनी दस्तावेज मिल चुके हैं। उन्होंने सभी लाभार्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। यह टिप्पणी करते हुए कि 21वीं सदी जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, स्वास्थ्य संकट और महामारी सहित कई चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया के सामने एक और महत्वपूर्ण चुनौती संपत्ति के अधिकार और कानूनी संपत्ति के दस्तावेजों की कमी है। प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें पता चला है कि विभिन्न देशों में कई लोगों के पास अपनी संपत्ति के लिए उचित कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इस बात पर जोर दिया है कि गरीबी कम करने के लिए लोगों के पास संपत्ति के अधिकार होने चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद लाखों लोगों ने अपनी संपत्ति के आधार पर बैंकों से कर्ज लिया और अपने गांवों में छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू किए। उन्होंने कहा कि इनमें से कई लाभार्थी छोटे और मध्यम किसान परिवार हैं, जिनके लिए ये संपत्ति कार्ड आर्थिक सुरक्षा की महत्वपूर्ण गारंटी बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार अवैध कब्जों और लंबे अदालती विवादों से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रमाणीकरण के साथ, वे अब इस संकट से मुक्त हो जाएंगे। उन्होंने एक अनुमान का उल्लेख किया कि एक बार सभी गांवों में संपत्ति कार्ड जारी कर दिए जाने पर, इससे 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियों के अवसर खुल जाएंगे।

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