प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
विकास तभी संभव है जब देश के हर नागरिक के आज के साथ उसका कल भी सुरक्षित हो। इसी सोच के साथ केंद्र सरकार उन जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा के साथ भविष्य में आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का प्रयास कर रही
मछली उत्पादन में तेजी से बढ़ते कदम
2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प उठाया तो पहली बार इसमें हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के साथ नीली क्रांति यानी मत्स्य पालन को भी शामिल किया गया… और 10 सितंबर 2020 को
मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कसी कमर
भारत विश्व में मोटे अनाजों के अग्रणी उत्पादकों में एक है और वैश्विक उत्पादों में भारत का अनुमानित हिस्सा लगभग 41 प्रतिशत है। एफएओ के अनुसार वर्ष 2020 में मोटे अनाजों का विश्व उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) हुआ जिसमें भारत का
‘श्रीअन्न’ के नाम से जाने जाएंगे मोटे अनाज
मोटे अनाज आज सुपर फूड साबित हो रहे हैं। सुपर फूड होने की इनमें सारी खूबियां भी हैं- फसल उगाने में बेहद कम लागत, खेती में कम शारीरिक मेहनत, सिंचाई के लिए बहुत कम पानी, उर्वरक और कीटनाशकों का कम झंझट, भंडारण की
आत्मनिर्भर भारत की वैश्विक पहचान
बीते 8 वर्ष में वैश्विक परिदृश्य पर भारत तेजी से उभरा है और भारत की वैश्विक भूमिका भी बढ़ी है। विशेष कर बीते कुछ महीनों में भारत के पास कई महत्वपूर्ण मंचों का नेतृत्व करने का अवसर आया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
अनियोजित विकास का जोशीमठ
अनियोजित विकास का जोशीमठ हिमालय में दिनोंदिन बढ़ रही आपदाओं का जिम्मेदार मानवीय दखल और अनियंत्रित विकास है। मानवीय गतिविधियों में बेतहासा वृद्धि के कारण हिमालय का जल चक्र पूरी तरह बिगड़ चुका है। राज्य के 45 प्रतिशत झरने, नौले-धारे, छोटी नदियां पूरी
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